द्वितीय दिवस-

  1. छात्र-छात्राओं को प्रचार-प्रसार करने का मौका देना एंव उनका उत्साहवर्धन करना ।
  2. छात्र-छात्राओं द्वारा तृतीये दिवस के लिए समुदाय को विद्यालय में आमंत्रित करना ।
  3. बाल-संसद गठन की प्रक्रिया में अभिभावकों की भागीदारी सुनश्चित करना ।

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