प्रायः देखा जाता है कि कोई भी कार्य सभी के लिए एक जैसा नहीं होता हम अभी को खूश नहीं रख पाते हैं। कोई कार्य किसी को अच्छा लगता है तो किसी को बुरा भी लगता है। इसी तरह से अभी जल्द ही निदेशक पद से हटाकर दूसरी जिम्मेदारी दी गयी निदेशक श्री विजय किरण आनंद जी को उनके कार्यों से कोई खुश था या नाराज था कहा नहीं जा सकता परन्तु उनके ये कार्य विभागीय अधिकारी कर्मचारी हमेशा याद रखेंगे।
- मानव संपदा पोर्टल– इसको कर्मचारी की शिक्षक डायरी भी कहा जा सकता है। पहले अवकाश लेने के लिए जहां कार्यालयों में जाकर अवकाश स्वीकृत करवाना पड़ता था वहीं अब केवल अवकाश को ऑनलाइन कर देना होता है जिससे ये झंझट समाप्त हुआ। साथ ही साथ इस पोर्टल ले शुरू होने से फर्जी नियुक्ति तथा दो स्थानों पर नौकरी करने वाले कर्मचारी भी हाथ लगे। पोर्टल के शुरू होने से सर्विस बुक को कभी भी खोलकर देखा जा सकता है तथा अपनी पहचान के लिए भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। अब तो एरियर के लिए भी इसी पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है।
- प्रेरणा पोर्टल- प्रेरणा पोर्टल पर सभी बच्चों का डेटा आसानी से उपलब्ध हो जाता हैं तथा उनसे सम्बन्धित डेटा कहीं भी व कभी भी सुधारा जा सकता है। सबसे बड़ा फायदा इसका यह हुआ है कि बच्चा दो जगह प्रवेश नहीं ले सकता।
- अध्याप में सहायक सिद्ध होने वाले कार्यक्रम व सहायक मॉड्यूल्स– प्रेरणा लक्ष्य, निपुण भारत अभियान, के अंतर्गत छात्र के भीतर कक्षानुसार किन -किन दक्षताओं का होना जरूरी है इसको लिपिबद्ध किया जिससे अध्यापको को अध्यापन हेतु एक अच्छा मार्गदर्शन मिला जिससे अध्यापन में और अधिक सुधार हुए। और अधिक मार्गदर्शन हेतु सहायक मॉड्यूल भी दिए गए।
- कुल मिलाकर हर सिक्के के दो पहलू होते हैं कुछ चीजें किसी को अच्छी लगती हैं तो कुछ को बहुत बुरी। आनंद जी के समय मे शिक्षा विभाग में हुए तकनीकी सुधारों को सभी लोग हमेशा याद रखेंगे।
- शिक्षण सहायक सामग्री- बच्चों हेतु शिक्षण सहायक सामग्री भी अध्यापन में बहुत अधिक सहायक सिद्ध हुई। इन्हीं के समय में पुस्तकें समय पर मिलीं।