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विषयः स्कूलों में दण्ड पर प्रतिबन्ध के सम्बन्ध में।
महोदय / महोदया,
कृपया उपर्युक्त विषयक इस कार्यालय के पत्रांक 12166 दिनांक 03 जनवरी, 2024 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके द्वारा विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों को किसी प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक दण्ड न दिये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत निर्देश दिये गये थे। उक्त के सम्बन्ध में पुनः निम्नवत् निर्देशित किया जाता है कि-
“शासनादेश संख्या 1466/15-7-2007, शिक्षा (7) अनुभाग, दिनांक 10 अक्टूबर, 2007 द्वारा जिसमें बच्चों को शारीरिक दण्ड दिये जाने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए बच्चों एवं उनके अधिकारों के प्रति असंवेदनशीलता तथा हिंसक संस्कृति का द्योतक मानते हुए हिंसा को पूर्णतया प्रतिबन्धित किया है। इसके साथ ही बच्चों को शारीरिक दण्ड में यथा- बच्चों को झाड़ना, फटकारना, परिसर में दौड़ना, चिकोटी काटना, छड़ी से पिटना, चिकोटी काटना, चाटा मारना, चपत जमाना, घुटनों के बल बैठाना, यौन शोषण, प्रताड़ना, क्लासरूम में अकेले बन्द कर देना, बिजली का झटका देना एवं अन्य सभी प्रकार के वे कृत्य जो अपमानित करके नीचा दिखाने, शारीरिक एवं मानसिक रूप से आघात पहुँचाने और अन्ततः मृत्यु कारित करने वाले हों, सम्मिलित है।”
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